सत्ता हमेशा ही क्रांतिकारियों का दमन करती है। इस तरह का अमानवीय दमन उसके भय को ही दिखलाता है। वैसे भी सत्ता और संगठित मज़हब का चोली-दामन का साथ है। उम्मीद है कि भारत के सभी विचारशील लोग आपके स्वर में स्वर मिलाकर करीम की रिहाई की मांग करेंगे। मेरा ब्लॉग तकनीकी कारणों से नहीं चल पा रहा है, अन्यथा मैं भी इस विषय पर एक पोस्ट लिखने की कोशिश करता।
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सत्ता हमेशा ही क्रांतिकारियों का दमन करती है। इस तरह का अमानवीय दमन उसके भय को ही दिखलाता है। वैसे भी सत्ता और संगठित मज़हब का चोली-दामन का साथ है। उम्मीद है कि भारत के सभी विचारशील लोग आपके स्वर में स्वर मिलाकर करीम की रिहाई की मांग करेंगे। मेरा ब्लॉग तकनीकी कारणों से नहीं चल पा रहा है, अन्यथा मैं भी इस विषय पर एक पोस्ट लिखने की कोशिश करता।
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