लोग जिस चीज में विश्वास करते हैं उस पर प्राय: अमल नहीं करते हैं।वे वह करते हैं जो सुविधाजनक है, फिर पछताते हैं।
वाह, तरक्की हो रही है।अच्छा है। रोज़ कम से कम एक नई सामग्री तो आनी ही चाहिए। इधर 3 दिन से सन्नाटा है।चुप्पी टूटनी चाहिए भाई। याद नहीं, 'चुप्पी सबसे बड़ा ख़तरा है, ज़िन्दा आदमी के लिए...'
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वाह, तरक्की हो रही है।
अच्छा है। रोज़ कम से कम एक नई सामग्री तो आनी ही चाहिए। इधर 3 दिन से सन्नाटा है।
चुप्पी टूटनी चाहिए भाई। याद नहीं,
'चुप्पी सबसे बड़ा ख़तरा है, ज़िन्दा आदमी के लिए...'
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