5.07.2009

दिल्‍ली मेट्रो : छात्र, पत्रकार, वकील और आम नागरिकों ने कर्मचारियों को रिहा कराया

मेरी पिछली पोस्‍ट से आपको पता चला होगा कि 5 तारीख को दिल्‍ली मेट्रो प्रशासन के इशारे पर अपनी बुनियादी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे 45 कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। कल यानी 6 तारीख को छात्रों, वकील, पत्रकारों, और आम नागरिकों ने जमानत देकर उन्‍हें रिहा करा लिया।
गिरफ्तार कर्मचारियों में मेट्रो के सफाईकर्मी, और फीडर सर्विस के चालक-परिचालक शामिल थे। जेल से रिहा होने के बाद मेट्रो कामगार संघर्ष समिति के संयोजक अजय ने कहा कि ठेका मजदूरों का आन्‍दोलन व्‍यापक रूप लेता जा रहा है। उनका कहना है कि यूं तो डीएमआरसी ने हर स्‍टेशन डिपो के बाहर बोर्ड टांग रखा है कि यहां सभी श्रम कानूनों का पालन किया जाता है, लेकिन सच्‍चाई यह है कि डीएमआरसी अपने मजदूरों को न्‍यूनतम मजदूरी, ई.एस.आई., पी.एफ. जैसी सुविधाएं तक नहीं देती और साप्‍ताहिक अवकाश तो दूर की बात है। यहां तक कि सभी श्रम कानूनों को ताक पर रख कर मजदूरों से 16 16 घंटे तक काम कराया जाता है। उन्‍होंने कहा कि मेट्रो के कर्मचारी इस संघर्ष को जीतने तक इसे आन्‍दोलन और कानूनी तरीके से जारी रखेंगे।

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

खुद सरकारी ऐजेन्सियों से कानून का पालन कराने का यह आंदोलन परवान चढ़ना ही चाहिए। कब तक लोग सहन करते रहेंगे?

manjula said...

गनीमत है संवेदनशीलता अभी भी बरकरार है. ऐसे जिम्‍मेदार नागरिकों से ही उम्‍मीद कायम है.