यह युद्ध है ही ऐसा
कि इसमें खेत रहे लोगों को
श्रद्धांजलि नहीं दी जाती,
बस कभी झटके से
वे याद आ जाते हैं
बरबस
अपनी कुछ अच्छाइयों की बदौलत।
कि इसमें खेत रहे लोगों को
श्रद्धांजलि नहीं दी जाती,
बस कभी झटके से
वे याद आ जाते हैं
बरबस
अपनी कुछ अच्छाइयों की बदौलत।
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चलना होगा एक बार फिर
बीहड़, कठिन, जोखिम भरी सुदूर यात्रा पर,
पहुँचना होगा उन ध्रुवान्तों तक
जहाँ प्रतीक्षा है हिमशैलों को
आतुर हृदय और सक्रिय विचारों के ताप की।
भरोसा करना होगा एक बार फिर
विस्तृत और आश्चर्यजनक सागर पर।
उधर रहस्यमय जंगल के किनारे
निचाट मैदान के अंधेरे छोर पर
छिटक रही हैं जहाँ नीली चिंगारियाँ
वहाँ जल उठा था कभी कोई हृदय
राहों को रौशन करता हुआ।
उन राहों को ढूँढ़ निकालना होगा
और आगे ले जाना होगा
विद्रोह से प्रज्ज्वलित हृदय लिये हाथों में
सिर से ऊपर उठाये हुए,
पहुँचना होगा वहाँ तक
जहाँ समय टपकता रहता है
आकाश के अंधेरे से बूँद-बूँद
तड़ित उजाला बन।
जहाँ नीली जादुई झील में
प्रतिपल काँपता रहता अरुण कमल एक,
वहाँ पहुँचने के लिए
अब महजरु अभिव्यक्ति के नहीं
विद्रोह के सारे ख़तरे उठाने होंगे,
अगर तुम युवा हो।
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