11.19.2007

...एक सपना जो पूरा करना है

हम कल बनाएंगे
एक साफ़-सुथरा शहर,
जहां दुख नहीं होगा,
प्यारे-प्यारे लोग जहां घूमेंगे यहां-वहां
हम सब ताकतवर होंगे
होंगे सब के सब जवां
न आंसू भरे दिन होंगे
और न भय भरे दिन।


-डब्ल्यू.एच.ऑडेन

(दि डांस ऑफ डेथ नाटक का अंश )

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

काश!! यह सपना पूरा हो जाएं!