6.23.2016

नकाब

-- संदीप संवाद --

Emil Nolde--Masks, 1911 
तुम्‍हें जितने नकाब ओढ़ने हैं, ओढ़ लो;

लेकिन ये उम्‍मीद ना पालो

कि मैं तुम्‍हारी तरह नकाब पहनूंगा

मैं जैसा हूं, वैसे ही अच्‍छा हूं।

और वैसे भी बहुत दिन तक

तुम इन नकाबों के पीछे

      अपनी कुटिलताओं को छिपा नहीं पाओगे

            जल्‍दी ही नोच लिए जाएंगे,

                सारे नकाब तुम्‍हारे चेहरे से ।

-----------------------------------------------------------------

No comments: